तू अपना काम करता चल, तू अपना काम करता चल, ऐ मुशाफिर एक न एक दिन मंजिल मिल ही जाएगी। अगर मंजिल न भी मिले तो निराश मत होना , ऐ मुशाफिर बंदगी तो मिल ही जाएगी।। P.K.S.