तलबगार नहीं कि दौलत मिले, शान न कोई शोहरत मिले, दिल की वीरानियों को बस इक आरजू मिले, दर दर की करता हूँ इबादत, दुआ बस इतनी सी की तू बस तू मिले... #Dj_tere_liye