तुम बिन कुछ नहीं, इस कायनात में, तेरा अस्तित्व ही, मेरी पहचान है, तुम बिन में एक आधा अधूरा सा अल्फ़ाज, तेरे साथ में जैसे एक पूरी कविता, तुम बिन में एक सूखा रेगिस्तान, तेरे साथ मेें जैसे भर बारिश में बसंत, तुम बिन जैसे मेरा सुना यह संसार, मेरा साथ जैसे पूरा हो परिवार मेरा, तेरे बिन जैसे सिर्फ़ मेरी साँसे चलना, तुम्हारा साथ जैसे मेरी जिंदगी का मक़सद पूरा। ♥️ Challenge-747 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।