शौच के लिए मासूम बच्चे जा रहे थे उनकी डंडो से पीट - पीटकर का हत्या कर दी और आप चुपचाप घरों में बैठे रहे। खैर आप जाते भी क्यों बच्चे आपके थोड़े ही थे। बाकी और संगठनों की तो छोड़ो लेकिन दलितों की हमदर्द बनने वाली भीम आर्मी कहाँ है और कोई बताएगा कि उसने क्या योगदान दिया है। दलितों के मसीहा बनने की सोच लिए जो बैठे है उनसे भी कह रहा हूँ समाज को गुमराह करना बन्द करो। एक होकर आवाज उठाओ फिर मत कहना कि उसने साथ नही दिया क्योंकि अगला नम्बर आपका है।।