प्रेम था पसरा पड़ा, थी प्यार की फ़ुहार छुअन से गुज़रे जब, हमारे दिलो के तार चिंगारियां उठी, हुए धमाके बारम्बार हुआ जब विवाह रूपी बिजली का संचार #दिलो_के_तार #शायरी