ये काले-काले बादल और उसकी यादों का समुंदर, बारिश का आना संग उसकी हजारों यादों को समेट लाना। इन बारिश की बूदों का ज़मी को चूम लेना । मयूर का इस घरघोर बारिश में जीभर के झूम लेना। उसका मेरे करीब आना और अपने हाथों से , मेरे उलझे-उलझे बालों को बड़े प्यार से सुलझाना। हाँ आलिंगन करना हैं मुझे जैसे आसमाँ की , एक छोटी सी बूँद इस ज़मी को गले लगाती हैं। मेरे दिल की धड़कनों का थम सा जाना। बिजली की उस चमकती रोशनी से डर सा जाना। मुझे और करीब ले जाता हैं उसके । जैसे उन बारिश की बूँदो का मिट्टी मे मिल सा जाना। मेरी आँखें बहुत कुछ कहती हैं उससे । हाँ इन आँखों से निकले जलबिंदुओं का , पल भर में समझ जाना ।। मेरी आँखों का उसकी आँखों से टकराना , शर्म से मेरी आँखों का झुक जाना। अब सब ख्वाब़ सा हैं। उसका मेरे करीब़ आना । और बारिश की तरह मुझे शामिल कर लेना। अपनी रूह के किसी अंतर्मन में हमेशा के लिए। ये काले-काले बादल और उसकी यादों का समुंदर । आज फिर लौट आया हैं संग मेरे नेत्रों में, बारिश की बूँदों का जल लाया हैं।। ©Akanksha Prajapati #OneSeasonwritingContest #Love #rain #raindrops #OneSeason