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टूटा दिल और बीमार जिस्म था मेरा लेकिन फिर भी मन मे

टूटा दिल और बीमार जिस्म था मेरा
लेकिन फिर भी मन में अंधेरा ना था !

ऐसी भी रातें काटी हैं यहां हमने रोकर
जिनका हंसता हुआ कोई सवेरा ना था !

मरकर फिर से जिंदा होना क्या होता है
कभी मेरे घर पर आकर तो देखो.....!

दर्द की पराकाष्ठा ही मेरा ये जीवन था
ये इसी जन्म की बात है......!
मेरा और कोई दूसरा जन्म ना था.....!!

©Anjali Nigam
  #इंतहा-दर्द-की
anjalinigam4281

Anjali Nigam

Bronze Star
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#इंतहा-दर्द-की

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