इस रोग से बचा नहीं हूं कैसे कहें इस इश्क से साफ़ बच गए हैं हम तो, खो देता हूं होश ओ हवाश जब भी दिखो तुम तो। ना फ़िक्र धूप की मुझको ना छांव की ही ख़्वाहिश रहती है, होती हर पल ईद दिवाली मेरी तुम जो नजरों से ना हो गुम तो। #बचगएहम #collab #ishq #hosh_o_hwash #dhup_chhanv #fikra #khwahish #har_pal #ed_diwali