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मेले की तरफ देखते ही.... याद आता है बचपन, ऊँगली पक

मेले की तरफ देखते ही.... याद आता है बचपन,
ऊँगली पकड़ बाबा की चलती मैं मस्त मगन,
काँधे पर बिठाते बाबा  दिलाते बांसुरी,गुड्डे गुड़िया,
खनकते सिक्के जेब में और हाथों में होती अनेक कागज़ की पुड़िया
झूले झूलते हुए लगता अब आसमान को उड़ी
उन सुहाने पलों की याद मुझको वो सारी  घड़ी
लौट कर आता नहीं वक़्त गुज़रा हुआ
याद ताज़ा हो आतीं हैं जब दिखता नये संग कुछ पुराना चलता हुआ

©Rajni Sardana
  #mela
#यादें_बचपन_की