ये जुस्तजू, ये आरज़ू,ये गुफ़्तगू,ये मंजर नहीं होगा, तेरी मोहब्बत, तेरी तसबबूर सब बेअसर ही होगा। क्यों इस कदर मूत्ताशिर है तू उनसे जब के, उन्हे तुझसे प्यार नहीं होगा। और, किसी लिए, आलाओ के बस्ती मे भटकता फ़िरे राहगीर, इस मोहल्ले मे कभी तेरा घर नहीं होगा।। - राहगीर #peace #wordporn #quotes #thoughts #writersden#silverleafpoetry #poetry #poetrycommunity #poetsofinstagram#poetsofindia