सत्य का साथ यदि सत्य का साथ देना था , तुझे सतयुग में जन्म लेना था! पर, जन्म लिया तुने, इस किलयुग में भाई, सत्य का साथ देने में तुझे ,तनिक भी शर्म नहीं आई ! बदल ले स्वयं को ,चाहते हो यदि शान से जीना; छोड़ नैतिकता की बातें ,मजा मत सत्य की वीणा। यदि सत्य की नैया खेना था ; तुझे सतयुग में जन्म लेना था । झूठ,धोखा,अपहरण, डकैती ,घूस, हत्या, बलात्कार,फिरौती मत समझ घटिया इन्हें, यही तो हैं किलयुग की शान; भाई! सत्य अहिंसा के रास्ते चलकर, क्यूँ दे रहा है अपनी जान? संभल, छोड़ सत्य को, सत्य की हार है यहाँ; पकड़ ले झूठ का दामन ,जहाँ झूठ है विजय वहां । यदि सत्य का झलना बेना था ,तुझे सतयुग में जन्म लेना था। भाई! सत्य-सत्य जपकर , क्यूँ अपना बड़ा कर कर रहा है ? तू राक्षसी प्रवृत्ति का लगता है ,मनुष्यों बेवज़ह दुश्मनी मोल ले रहा है! बदल ले स्वयं को ,चल झूठ के रास्ते; तानकर सीना मत जी घुट- घुटकर,छोड़ सत्य को ; पकड़ले झूठ की वीणा । कहता हूँ बार-बार,क्यों सुनते नहीं हो भाई? यह सतयुग नहीं नहीं कलियुग है यदि सत्य का मधुरस सेना था तुझे सतयुग में जन्म लेना था।। #truth #followthetruth