चाहत अपनी, दिल के अरमान भी. चंद खुशियों खातिर ख्वाब भी. महफिलों की वो नुमाइश भी अपनी. चंद पैसों की खातिर, जरूरत भी अपनी. दुकानों पे सजती, झिलमिलाती वस्तु भी अपनी. ऐ-खुदा तेरी दुनिया में बिकती वो मोहब्ब्त भी अपनी. हौसले भी अपने, बढ़ते कदम भी अपने. तेरी खुशियों खातिर घूँटते ख्वाब भी अपने. सपनों का दिल, प्यारी-सी मुस्कान तेरी, होठों पे सजती बिखरती वो अल्फ़ाज़ भी तेरे, कुछ ख्वाब अधूरे थे कुछ ख्वाब पूरे थे.. तेरे भी अरमानों के वो साज अधूरे थे. नयनों की वो बारिश भी, छलकते जिससे कीमती मोती थे.. सांसों की सरसराहट भी तेरी, तुझसे ओझल होते वो ख्वाब भी अपने थे.. ऐ-हमदम तुम बिन मेरी. हर शाम अधूरी, मेरी जान भी अधूरी है... #NojotoQuote