लिखे कलम समझ बूझ के, काजल लगे सही मात्रा में अंखियों में, फ़सले उगायें सही बीज़ सही खाद से, जाने का टिकाना तय हो देख परख के, तो लिखा मिटाने, काजल निकालने, फ़सल मिटाने और लौट के आने, की ज़रूरत ही नहीं रहेगी । #yqshahitya#betiya Credit: Wallpaper Gallery BG: girl Topic: girl feelings #YourQuoteAndMine Collaborating with Wallpaper Gallery🖼️