हदे-तीरगी में साहिबे निसाब थे चराग़, हर बेबसी और ज़ुल्म का जवाब थे चराग़। सबने फ़लक के चांद सितारों को चुन लिया, हम जैसे ग़रीबों के इन्तेख़ाब थे चराग़। इन्हे तेज़ हवाओं ने है क्युंकर बुझा दिया! मुफ़लिस की झोपड़ी के फ़कत ख़्वाब थे चराग़। #yqaliem #charagh #happydeewali #diya #muflisi_poverty साहिबे निसाब - man of possession हदे-तीरगी - extreme darkness