हमारी हँसी उड़ाने वाले तो बहुत हैं, मगर हमारे साथ हँसने वाला कोई नहीं। हमारा मज़ाक उड़ाने वाले तो बहुत हैं, मगर साथ बैठ कर मज़ाक करने वाला कोई नहीं। अपना कहने वाले तो बहुत हैं, मगर वक्त पर खड़ा होने वाला अपना कोई नहीं। बातों ही बातों में रिश्तेदारी निकालने वाले तो बहुत हैं, मगर उन रिश्तों को निभाने के लिए कोई नहीं। मौका मिलते ही गिराने वाले तो बहुत हैं, मगर गिर जाने पर हाथ थाम के उठाने वाला कोई नहीं। #हमारे_साथ #कोईनहीं