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कभी-कभी आपके सुख का भ्रम किसी और की ग़लतफ़हमी से ज

कभी-कभी आपके सुख का भ्रम किसी और की ग़लतफ़हमी से जुड़ा होता है।आप निरीह तब महसूस करते हैं जब चाह कर भी आप उसकी ग़लतफ़हमी को दूर करने का प्रयत्न नहीं कर पाते। 
अपने मानसिक भ्रमजाल से निकलने के लिए आप उलझन के धागे के जिस सिरे को पकड़ते हैं, वह ख़ुद एक गाँठ बनकर रह जाता है।

©HintsOfHeart.
  #उलझन_की_गिरह