"अपने गैर " जिनका सहारा लेकर तुमने आगे कदम लेना सीखा, तुम्हारी आँखों की रोशनी बन दुनिया की पहचान कराई, जिन्होंने तुम्हारी जि़द पुरी कर अपनी खुशी पाई, जो खुद भूखा रहकर जिन्होंने तुम्हारा पेट का सोचा, आज वही माँ-बाप को बोझ समझ वृद्ध आश्रम छोड़ आए, जिनका तुमने लाठी बनना था आज उन्हें ही बेसहारा कर दिया, माँ के कोख में नौ महीने रह व पिता के पसीनों का यही सिला दिया, कोसते होंगे खुदको इससे बेहतर बेऔलाद ही होते, जब बच्चों ने ही कर दिया पराया, आँखों के तारों को खटकने लगे हैं ये माँ-बाप, क्या बड़ा मांगा था तुमसे जो इन्हें बेघर कर दिया, कहते है जंक लगी चीजों की घर में कोई जगह नहीं होती, जिन्हें तुम बच्चों ने जंक समझ निकाल दिया, कैसे बताऊँ तुम नासमझ व दौलत में अंदे बच्चों को, माँ-बाप एक अनमोल देन है और इससे कीमती दौलत इस संसार में नहीं, तू दौलत में अंदा समझ न आएगी ये बातें, मत भूल जो जैसा बोयगा वही वैसा पाएगा, आज तूने एेसा किया है कल तेरे साथ भी एेसा होगा ।। - Sneh Biruli #merikhamoshkalam #merikalamse🖋 #merealfaaz #merizubaani #writing #writingmood #writingmakesmehappy #wrtingislove #writingheart #writingsoul #writingwhatifeel #writingwhatmyheartsaynthemindaskmetowrite