कि कुर्बत पर गुरबत लिये वो तीन वीर खड़े थें, जिनकी साँसो पर वतन के इन्क़लाब के नारे जड़े थें, और ये फाँसी नहीं थी साहब गुलामी की, ये तो भारत माँ से मिलनें को एक रस्सी के तख्ते पर चड़े थें। #bhagatsingh #rajguru #sahdev