मेरे पुराने कुर्ते पर अब भी तेरी खुशबू रवाँ है तेरे जूतों में कसे मेरे छाले अब भी कहराते हैं मेरे हथेलियों पर चस्प हैं अब भी वो संटियाँ मेरी पीठ पर तेरे हथेलियाँ अब भी धड़कती हैं मेरी रूह पर हैं कर्ज जो पैसे चुराए थे गुल्ल को तेरी तोड़ कर लड़डू जो आए थे तू अब बस याद है, जो मेरे सीने में पलती है तेरी चिता अब भी मेरी आँखें में जलती है अंशुमान के लिए #Brother #AnshumanNayal