जब से निगाहों में आ बसा कोई ना जगे हैं दिन ना रात है सोई माहोमेहर की बरक़तें मुबारक़ सी तशनेरुबाई दिल! एक सूरत वो ही खिला गुलाब कि मचली कोई तमन्ना सी हवा में घुली ग़ज़ल कि आरज़ू दिल की फ़लक से बह रहा रोशनी कोई झरना है मुसलसल दिल में उतर रहा है कोई ज़ेर-ए-ख़ुशबू में ख़्वाब महके हैं बहार सा इन्हें आगोश में भर रहा है कोई #toyou #yqlove #yqnature #yqpinings #yqextending #yqdesires #yqyouandme