सब कुछ हार गया था मैं आंच तो स्वाभिमान पर आ गई थी ना खड़ा होने की ताकत और ना ही उठने की हिम्मत बची थी अचानक एक दिन आया एक अनुज सामने बनकर किरण उम्मीदकी एहसास कराया अपने साथ का अब वहीं नाम-ए-काबिल पा लिये है Challenge-109 #collabwithकोराकाग़ज़ 47 शब्दों में अपनी रचना लिखिए :) #उम्मीदकीकिरण #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Bhaijan Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️