*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“18/2/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 देखिए बात कि जाए “मित्रता” की, तो “मित्रता” “नमक की भांति” होनी चाहिए, “मधु” की भांति, जो आए समक्ष और “मीठी-मीठी” बातें करें,और बाद में इसे “कीड़े” न लगे,“नमक की भांति” होनी चाहिए, “सच्चे मित्र” तो वो है जो समय आने पर आपका “सत्य” आपके समक्ष ला सके, चाहे वो “कितना भी कठिन” क्यो न हो, आपके “दोष”,आपके “अवगुण”, आपकी “कमियां” आपको बता सकें, ताकि आप उन्हें “सुनकर”, “स्वीकार” कर स्वयं को “सुधार सके”, यही “सच्ची मित्रता” है, कभी जीवन में आस-पास झांक कर देखिए कई सारे ऐसे “लोग”,ऐसे “मित्र” होते है जिन्हें देखकर लगता है कि इनकी “जीभ” तो “कड़वी” है, इनकी “वाणी” बड़ी कड़वी है, किंतु अधिकतर ऐसे लोग है इनका “मन” दखोगे तो इनमें कोई “मैल” नहीं होता, इनका “मन” अत्यंत “पवित्र” होता है, यदि आपके “जीवन” में कुछ ऐसे “लोग” है, ऐसे “मित्र” है तो उन्हें “सहेज” कर अवश्य रखिए... *“अतुल शर्मा”* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“18/2/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 #“मित्रता” #“नमक की भांति”