फ़रियाद उलझन-ए-मन की बाते अक्सर,बेह्म पैदा करती है। खोता है कोई साथी और अकेला करती है। बेह्म...! #उलझन-ए-मन की #बाते अक्सर,#बेह्म पैदा करती है। #खोता है कोई #साथी और #अकेला करती है। #khnazim