धडकनों का राग चलो आज सुनते हैं धडकनों का राग ये दिल भी जता रहा है अनुराग थोडी शांति से ढूंढो इस तक पहुंचने का सुराग चलो आज सुनते हैं धडकनों का राग सुनकर इसे में भूल गई जग लगता है अब तो जैसे नजदीक है रब दवाई बन गया ये बिमारियों की अलग सुर ताल से भरपूर ,जलता है जैसे चिराग चलो आज सुनते हैं धडकनों का राग सुनते -सुनते इस दरिया में गहरे उतर गई हूं जितना उतर रही हूं में खुद को पा रही हूं एक मधुर सी आवाज में सुन रही हूं सुन-सुनकर मदमस्त होती जा रही हूं लगता है कि यही है मेरे दिल का अनुराग चलो आज सुनते हैं धडकनों का राग #धडकनों का राग #कविता #विचार