सरयू तट पर अवध बसा लखनपुरी गोमती के तीर। सीतापुर में वही गोमती देती सुख समृद्धि के नीर।। यह वही भाग्यशाली धरा है जहां राम लला ने खेला है। जहां हर वर्ष लगता दीपोत्सव अरु रामनवमी का मेला है।। मिथिलेश कुमारी जनक सुता जहां ब्याहकर आयी थीं। पावन हुई पद चिन्हों से यह धरती भी दोनों कुल की शत शत मान बढ़ायी थीं।। युगों युगान्तर से इस धरती का जन-जन की जिह्वा ने गुणगान किया। देव, द्विज, वेद, ग्रंथों ने भी जिसका बखान किया।। महिमावान गौरवशाली इस इतिहास को हम दुनिया को दिखाएंगे। जो धन्य करता हर मानव जीवन हम सबको यही बताएंगे।। सिया राम के इस अमिट गाथा को हम ऐसे स्याही से लिख जाएंगे। जो मिटा ना सकेगा कोई भी आक्रांता मिट्टी के कण-कण में भी उन्हीं की सूरत पाएंगे।। ©Khushi Kandu #siyaram #khushikandu #khushithought #Nojoto #Hindi #hindipoetry #अवध