फूलों की महकी बगीया कि डाली पर बैठी तितली जैसी उड़ती फिरती कभी यहां तों कभी वहां।!,हैं चाहत मेरी आसमान में बनके मैं उडू पतंग बादलों संग गरजती चमकती हवा के साथ उड़ जाती मैं बारिश के पानी के साथ धरती पर आ जाती मैं ©Priyanka Malviya #मेरी_कलम_से✍️ #notozopoetry