Nojoto: Largest Storytelling Platform

मसाइल में तू ही तो मुश्किल-कुशा है मेरे हर ज़ख़्म

मसाइल में तू ही तो मुश्किल-कुशा है
मेरे  हर ज़ख़्म  की  तो  तू ही  दवा है

मा'क़ूल  नही  मैं   तेरी   बरकतों  का
ये   है   तेरी  ममता  जो  70-गुना  है मुश्किल-कुशा= मुश्किल दूर करने वाला (यहां हज़रत अली (र.आ) का लक़ब मुराद नही है)
मा'क़ूल= मुनासिब
Urdu_Word_Collab_Challenge_
Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry
आज का लफ्ज़ है "मसाइल"
अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,
जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा !
और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।
मसाइल में तू ही तो मुश्किल-कुशा है
मेरे  हर ज़ख़्म  की  तो  तू ही  दवा है

मा'क़ूल  नही  मैं   तेरी   बरकतों  का
ये   है   तेरी  ममता  जो  70-गुना  है मुश्किल-कुशा= मुश्किल दूर करने वाला (यहां हज़रत अली (र.आ) का लक़ब मुराद नही है)
मा'क़ूल= मुनासिब
Urdu_Word_Collab_Challenge_
Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry
आज का लफ्ज़ है "मसाइल"
अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,
जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा !
और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।