मसाइल में तू ही तो मुश्किल-कुशा है मेरे हर ज़ख़्म की तो तू ही दवा है मा'क़ूल नही मैं तेरी बरकतों का ये है तेरी ममता जो 70-गुना है मुश्किल-कुशा= मुश्किल दूर करने वाला (यहां हज़रत अली (र.आ) का लक़ब मुराद नही है) मा'क़ूल= मुनासिब Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "मसाइल" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।