यूं जमीन पर बैठकर,, क्यों आसमान देखता है,, पंखों को खोल जमाना सिर्फ उड़ान देखता है,, लहरों की तो फितरत ही है,, शोर मचाने की,, मंजिल उसी की होती है,, जो नजरों में तूफान देखता है।। ©Dev Trivedi #Life #Happy #posetive #Hope ☺️☺️✍️ #Hopeless