खिलखिलाते ख़्वाब मेरे, पास मेरे तुम जो होती। साथ तेरे मुझको लगता, मिल गयी हो जैसे मोती। संग तेरा मेरी शक्ति, हे प्रियवर आज बताऊँ। चीज क्या है ये मुहब्बत, बस मैं अपने भाव जताऊँ। चाँद तारे तोड़ लाना, न था मुमकिन न ही होगा, बस कहूँगा मैं ये केवल, दर्द सारे मैं सहुँगा। ©Bharat Bhushan pathak खिलखिलाते ख़्वाब मेरे, पास मेरे तुम जो होती। साथ तेरे मुझको लगता, मिल गयी हो जैसे मोती। संग तेरा मेरी शक्ति, हे प्रियवर आज बताऊँ। चीज क्या है ये मुहब्बत, बस मैं अपने भाव जताऊँ।