थोड़े बदले हुए से मिजाज़ अपने और बेरंग सी बातें हैं, चुप सी आँखे और शक़्ल लिए हम घर से निकल जाते हैं, जिस्म तो लौट आता है घर पर जब से फ़ासले बढ़े हैं तुझसे, तेरे शहर से जुड़ी राहों पर कहीं ये रुह मग़र छोड़ आते हैं। ©Akash Kedia #RoadToHeavenv #raah #ruh #shahar #aankhe #mijaz