उसकी पलकों को अक्सर मैं, शाम-ओ-सहर सवारता रहा.......... जब भी तन्हा होता था मैं तो, उसका ही नाम पुकारता रहा.......... जब भरी महफ़िल में उसने, कहा हमें मोहब्बत नहीं तुमसे......... महफ़िल मुझे निहारती रही, मैं महफ़िल को निहारता रहा.......... ©Poet Maddy उसकी पलकों को अक्सर मैं, शाम-ओ-सहर सवारता रहा.......... #Eyelashes#Evening#Morning#Lonely#Call#Name#Gathering#Love#Crowd........