करम मुझ पर भी बस इतना मेरे सरकार हो जाये भँवर मे है फसा मेरा सफ़ीना पार हो जाये हमे दोनों जहा मे ए खुदा तू इज्ज़ते देना मगर वो देव का बंदा ज़लील ओ खार हो जाये यहीं है आरज़ू आक़ा बुला लो अब मदीने मे मज़ारे पाक का 'नज़मी' को भी दीदार हो जाये -सय्यद आले रसूल नज़मी (रेहमतुललाह अलैह) This is called a sufi Naat.. Naat means a tribute or an ode to the Prophets of Islam Especially Hazrat Mohammad (peace be upon him), the last and final prophet.. Written by my spiritual Shaikh SYED ALEY RASOOL NAZMI MAHREHRAWI of Mahrehra shareef (U. P ) #NAZMI यहा 'देव का बंदा' से मुराद वो लोग है जो रसूल के ऐब गिनते है और उनकी गुस्ताखी करते है अपनी किताबों मे और प्रचार मे