ख़बरों की खबर - 18 अपराधियों को चुनते हम, अपराध पे सिर धुनते हम ! बच्ची से दुराचार व हत्या, कानून व्यवस्था है बेदम !! कानून पहुंच से बाहर है, राजनीति की बहार है ! जनता सारी लाचार है, नासमझी की शिकार है !! सोलह करोड़ की सुई लगाई, बच्ची फिर भी बच न पाई ! इलाज की कीमत पहाड़ सी, इतनी लागत कैसे आई !! जन की जन से प्रीत नहीं, कोई किसी का मीत नहीं ! अपनी अपनी धुन में हैं सब, जनहित आज की रीत नहीं !! सबको प्यारा हैं मोबाइल, राज दुलारा है मोबाइल ! मोबाइल में घुसे हैं सभी, पल पल का सहारा है मोबाइल !! भर रस्ते होता अन्याय, मज़ाल है कोई बीच में आय ! सबको जाने की जल्दी है, सही गलत सब भाड़ में जाय !! हे राम, ऐसे कैसे अच्छे दिन दिखाये ?? - आवेश हिंदुस्तानी 03.08.2021 ©Ashok Mangal #Rape #AaveshVaani #KhabronKiKhabar #Criminalisation #LawandOrder