सुनो, याद है तुमको, आखिरी बार मुझसे मिलना , तुम्हारा मुझसे हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ना,और मेरा हाय करना फिर मेरा हाथ बढ़ाना और तुम्हारा हाय करना, फिर दोनो का हँसना और फिर हाथ मिलाना माना उस वक्त मेरे पास वक्त कम था, मगर तुमसे वो दो पल मिलना किसी जन्नत से ना कम था, याद है , तुमको धीरे धीरे से मेरी जिंदगी में आना, वो सड़क पर सुनना, हाँ वही फोन का ऐड देखना तुम्हारा, कैसे तुमको बताए वो दिन, मेरा आना फिर घबराना शायद यही था अपना याराना , सुनो पागल , एक दिन फिर मुलाकात होगी अपनी, शायद तब मैं तुम्हे कुछ नए ढंग में मिलूं, शायद तुम मुझको एक नए रंग में मिलो, लेकिन मुलाकात होगी , ज्यादा नहीं बस एक ख्वाहिश तुम्हारी है जो पूरी ना कर सका, मेरी डायरी , हाँ मेरी डायरी उस मुलाकात पे तुम्हारे हाथ होगी।। Happy birthday Pagal ©Prashant Badal Happy Birthday Pagal 🎂 #लफ्ज़_ए_प्रशान्त #Love #Shayari #Hindi #Poetry #meri_bestie #BookLife