परवाज़ भर चले,मेहमाँ थे मेरे मकान में उड़ रहे होंगे अब तो परिन्दे आसमान में किसी ने पूछ ही लिया चलो किस्सा तेरा, ये तल्ख़ी सी आ गई क्यों,मेरी ज़ुबान में वक़्त ने किया,इश्क़ के ग़ुलाबों को मिट्टी और मैं बैठा था,ना जाने किस गुमान में हक़ीक़तों की तल्ख़ियों से होश हुआ है रिश्ते रेत से हल्के थे,तेरे मेरे दरमियान में इश्क़ अधूरा है #lovequotes #besthindiyqquotes #hindishayari #hindiquotes #mohabbat #yqbaba #yqdidi