हरिओम पंवार की कलम से प्रस्तुत है- किसी राजा या रानी के डमरु नही हैं हम दरबारों की नर्तकी के घुन्घरू नही हैं हम सत्ताधीशों की तुला के बट्टे भी नही हैं हम कोठों की तवायफों के दुपट्टे भी नही हैं हम #HariomPanwar #KalamSe