कोई ये तो बताएं शाम के इंतजार मे सुबह से इश्क़ कैसे फरमाएं।। जो दिल दिया था तुम्हें कभी हमने उस दिल को अब किसी और से कैसे लगाएं।। यहाँ आंसू महँगे है पानी से, अब तुम्हीं बताओं, हम दुसरों को कैसे रुलाएं।। तुम्हारी यादों से ही जिंदा है अब तक जरा ये तो बताओं, इतने सालों बाद अब तुम्हें कैसे भुलाएं।। #कोई_तो_बता_दो