#OpenPoetry हर ख्वाईश नाकाम रही जिन्दगी की राह में मुश्किले तमाम रही वो इस कदर छोड़ गया मुझें ...... हमारी महोबब्त चर्चे-आम रही उनकी बेवफाई के आलम में ... क्यूँ हमारी महोबब्त बदनाम रही #OpenPoetry #navjot #poetry #jindgi #rahen #newwriter Sambhav jain(महफूज़_जनाब)