हम इश्क़ में गहरे डूबे थे, और तुम लिखते रहे इबारतें इश्क़ की सतह पर, तुम खुले धागों से मन्नतें माँगते रहे, हम उलझते गये हर उलझी गिरह पर, अब जब जुदा हैं तो क्या फ़ायदा, करके वफ़ा और बेवफ़ाई की बहस, चलो यार मान लिया, तुम सही अपनी जगह पर, हम सही अपनी जगह पर। - आशीष कंचन इबारतें = लिखावट #अपनीजगहपर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqbaba #yqhindi #yqtales Collaborating with YourQuote Didi