इक दूजे में बसे हैं ऐसे ना अब जुदा होंगे कभी समा जाएं यूं की विछेद ना कर पाए कोई देखे कोई तो मुंह से निकले यही बने तो ये हैं इक दूजे के लिए एकदम सही ©Dr Supreet Singh #Made_For_Each_Other