पीड़ियाँ तक मिट जाएगी जवाब कौन मागेगा .. कौन ज़ुटायेगा कोष और कौन हिसाब मागेगा ... तब ये धरती तुम्हारी बदहाली पर मुस्करायेगी .. जलते हुए जंगलो पर आंसू बाहएगी .. ©Prem Kumar #EveningBlush #forestfire कवि मोहित मेरोठा