Mist कहीँ छुपाता होगा खुदा अपने दर्द का सैलाब इस दूधिया चादर में! कतरा कतरा बहा कर अपने , 'आँसुओं को ! और लगा देता है "आग" हर एक मुकदस शख्स के अरमानो को ! कहीँ छुपाता होगा #खुदा अपने #दर्द का #सैलाब इस दूधिया चादर में! कतरा कतरा बहा कर अपने , '#आँसुओं को ! और लगा देता है "#आग" हर एक #मुकदस शख्स के #अरमानो को !