घर है , घर में है कमरे कमरे है घर में चार रिश्ते है , है रिश्तेदार परिवार के नाम पर है चल रहा कारोबार रसोई है एक लेकिन चूल्हे अनेक जलते है एक दूजे से रखते है चेहरे पर हँसी फेक मुँह बंनाते है आग लगाते है देख कर एक दूसरे , हँसते है फिर फुसफुसाते है बनाबटी , ढकोशले चेहरे पर चेहरा लगा कर अपनो में रह कर अपनो को लड़बाते है जरूरत में अपनो के , जी चुराये पकड़े न पाव , है खुद को छुपाये कहते है ..! अजी हम तो इनके भाई ताया कहलाते है रिश्तों के नाम पर कारोबार चलाते है ✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या घर है , घर में है कमरे कमरे है घर में चार रिश्ते है , है रिश्तेदार परिवार के नाम पर है चल रहा कारोबार रसोई है एक