लकीरें मिटा के रज़ा माँगता है सनम को भुलाने सज़ा माँगता है ग़ज़ल by dharm desai #dharmuvach✍ लकीरे मिटा के रज़ा माँगता है सनम को भुलाने सज़ा माँगता है असर बेसबर का ज़हर ही दवा है हकीमो से बस वो दुआ माँगता है लकीरे... फलक पे सबब के फिज़ा माँगता है