रात ने आब-ए-तल्ख़ दबोच, झूठ बुलवाया है की, हम खैरियत हैं।। तुम्हें हम तकलीफ़ में नही देख सकते , ये दर्द हमें मंजूर है।। ©Naresh Sogarwal #फॉलो_कीजिये #Trees