कुछ आदतों को पीछे छोड़ दिया है, नदियों ने समंदर तक जाने का रास्ता बदल लिया है मंज़िल तो वही है बस तरीका बदल लिया है, बूंद बूंद से अब सागर भरने का फैसला कर लिया है आँखों में अब उस मंज़िल का निशां है जैसे भटके हुए महिगीर को अपने साहिल का पता है #manzilwahiraastanaya #samayaurkismat