तुम्हारी यादों को हमने बड़े ही प्यार से समेटा है तेरी छोटी छोटी बातों को हमने इन दीवारों में लपेटा है घर की हर चीज़ को तुमने ही तो बड़े प्यार से सजाया था आज कल इन्ही दीवारों की चर्चाओं में मैंने सांस लेते तुम्हे देखा है रात्रि के सन्नाटो को झींगुरों की आबाज़ों में दबते मन के मौन को रात के अंधेरे को चीरते हुए घण्टो जगते देखा है देखा है मैंने खाली कबर्ड को , किचन को और इस घर के बालकनी को जहाँ तुम हुआ करती थी अब ये काटने को दौड़ती है जिंदा मगर पत्थर सी नजर आती है हर चीज़ अब ✍️रिंकी #दूरदूरतक #यकदीदी #यकबाबा #सन्नाटा #यादें_मिटाएं_नहीं_मिटती