हर बात का जवाब होता था जिसके पास आज वो खुद सवालों के भंवर में फसी है सब को समझने वाली आज खुद की खता समझ नहीं पा रही है सब से कहती थी जो हस कर कि सब अच्छा होगा एक दिन आज वो खुद यह सुनने को तरस गई है हर छोटी बात पर जिसके आंसू निकल आते थे आज वो अपना दर्द मुस्कुरा कर छुपा रही है जिंदगी की बातें करने वाली आज खुद जिंदगी से सवाल कर रही है ज़माने का गुरूर तोड़ना था जिसे वो आज एक इंसान का एहम ना तोड़ पाई है जीतना चाहती थी इस बेरहम ज़माने से और एक इंसान की बेदर्द बातों से हार आई है जीतने का सपना सजाया था हमेशा और उसे जिताने वो खुद हार आई है। #just_a_कविता • A Challenge by Aesthetic Thoughts!#aestheticthoughts#yqbaba #collab #latenightquotes #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Aesthetic Thoughts