नई सुबह,नया भोर जाती रही रात्रि घनघोर नव दिवा का स्वागत कर लो पुरज़ोर.. रहे हृदय स्पंदित मन हो न कुंठित है ईश का आगमन ये श्वासों का आवागमन नित नूतन,नित नवीन यह जीवन बने प्रवीण... #नया#नूतन#नवीन#yqdidi#yqbaba