पत्ते टूटे है,मगर जड़ तो नहीं। हम हारे है, हिम्मत तो नहीं। एक भी सहारा मिला तो जी जाएगा। वो इंसान है,कोई डूबता शहर नहीं। पत्ते टूटे है मगर जड़ तो नहीं..... याद है वो एक कसम,जो ली थी हमने। याद है तुम्हे क्या,भूल हम तो नहीं। पत्ते टूटे है मगर जड़ तो नहीं..... रोहित तिवारी Soumya Jain